शुक्रवार, 31 मई 2019

धमकी / रूस से एस-400 डिफेंस सिस्टम का सौदा: अमेरिका ने कहा- भारत से रिश्तों पर गंभीर असर होगा


भारत और रूस के बीच पिछले साल हुई एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील पर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। डोनाल्डट्रम्प प्रशासन ने गुरुवार रात धमकी देते हुए कहा है कि भारत का यह फैसला अमेरिका और भारत के रिश्तों पर गंभीर असर डालेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अफसर ने कहा, भारत का रूस के साथ रक्षा समझौता करना बड़ी बात है, क्योंकि ‘काट्सा कानून’ के तहत दुश्मनों से समझौता करने वालों पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होते हैं। ट्रम्प प्रशासन पहले ही साफ कर चुका है कि इस कानून के बावजूद समझौता करने वाले देश रूस को गलत संदेश पहुंचा रहे हैं। यह चिंता की बात है।’’
S-400 missile defence system


तुर्की पर हो चुकी कार्रवाई

अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “आप देख सकते हैं अमेरिका दुश्मनों से समझौता करने वालों पर कैसी कार्यवाही कर रहा है। हमने अपने नाटो पार्टनर तुर्की को भी एस-400 खरीदने के लिए कड़ा संदेश दिया है।” अमेरिका ने हाल ही में रूस से रक्षा समझौता करने के लिए तुर्की को लॉकहीड मार्टिन के एफ-35 फाइटर जेट बेचने पर रोक लगाई थी।


अमेरिका ने कहा भारत तय करे उसे किसका साथ चाहिए
अमेरिका का कहना है कि वह इस तरह के मामलों में हर देश से अलग तरह से निपटेगा। हालांकि, बड़ा मुद्दा यह है कि भारत के सैन्य रिश्ते किस तरफ जा रहे हैं। किसके साथ वह आधुनिक तकनीक और बेहतर माहौल साझा करना चाहता है। हमारे बीच कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और कई अन्य विकसित हथियारों के समझौते पर बात चल रही है। ऐसे में भारत की एस-400 डील का बातचीत पर असर पड़ेगा।


काट्सा कानून के तहत प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका

दरअसल, अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है, लेकिन अमेरिका और भारत का रक्षा व्यापार बीते समय में काफी बढ़ा है। इसके चलते वह भारत पर प्रतिबंध लगाने से बचना चाहता था।

S-400 मिसाइल सिस्टम: 2020 से डिलिवरी देना शुरू करेगा रूस


रूस के साथ हुई S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील के तहत भारत को अक्टूबर 2020 से डिलिवरी शुरू हो जाएगी। भारत ने रूस के साथ 5 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स की डील की है। रूस की ओर से अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2023 तक इनकी डिलिवरी कर दी जाएगी। रक्षा राज्य मंत्री सुभाS-400 मिसाइल सिस्टम से भारत को संवेदनशील इलाकों में हवाई सुरक्षा की ताकत मिल जाएगी।

भारत ने रूस के साथ S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स के लिए 40,000 करोड़ रुपये की डील की थी। भारत ने अमेरिकी की उस धमकी के बाद भी रूस के साथ यह डील की थी, जिसमें उसने रूस के डील करने वाले देशों पर प्रतिबंध की बात कही थी। 

गुरुवार, 30 मई 2019

नरेंद्र मोदी ने लिया दूसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ, 58 ने मंत्री की शपथ ली

नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में मोदी समेत 58 मंत्रियों ने शपथ ली, जबकि 2014 में 46 ने शपथ ली थी। अमित शाह पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। शाह के मंत्री बनने के बाद संभावना जाहिर की जा रही है कि जगतप्रकाश नड्डा को भाजपा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। उन्होंने शपथ नहीं ली। मंत्रिमंडल में सबसे चौंकाने वाला चेहरा एस जयशंकर का है, जो तीन साल विदेश सचिव रह चुके हैं। इस बार 25 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्य मंत्री बनाए गए। 19 नए चेहरों को जगह मिली। उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 8 सांसदों को मंत्री बनाया गया। सुषमा स्वराज, मेनका गांधी, राज्यवर्धन राठौर, महेश शर्मा और सुरेश प्रभु को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।
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दूसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेते नरेंद्र मोदी


कैबिनेट मंत्री
1     राजनाथ सिंहलखनऊ (उप्र)
अमित शाहगांधी नगर (गुजरात)
नितिन गडकरीनागपुर (महाराष्ट्र)
4डीवी सदानंद गौड़ाबेंगलुरु उत्तर (कर्नाटक)
5निर्मला सीतारमणराज्यसभा सदस्य
6रामविलास पासवानचुनाव नहीं लड़ा
7नरेंद्र सिंह तोमरमुरैना (मप्र)
8रविशंकर प्रसादपटना साहिब (बिहार)
9हरसिमरत कौर बादलबठिंडा (पंजाब)
10 गहलोतराज्यसभा सदस्य
11एस जयशंकरपूर्व विदेश सचिव
12रमेश पोखरियाल निशंकहरिद्वार (उत्तराखंड)
13अर्जुन मुंडाखूंटी (झारखंड)
14स्मृति ईरानीअमेठी (उप्र)
15हर्षवर्धनचांदनी चौक (दिल्ली)
16प्रकाश जावड़ेकरराज्यसभा सदस्य
17पीयूष गोयलराज्यसभा सदस्य
18धर्मेंद्र प्रधानराज्यसभा सदस्य
19मुख्तार अब्बास नकवीराज्यसभा सदस्य
20प्रहलाद जोशीधारवाड़ (कर्नाटक)
21महेंद्रनाथ पांडेयचंदौली (उप्र)
22अरविंद सावंतमुंबई दक्षिण (महाराष्ट्र)
23गिरिराज सिंहबेगूसराय (बिहार)
24गजेंद्र सिंह शेखावतजोधपुर (राजस्थान)

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
1संतोष गंगवारबरेली (उप्र)
2राव इंद्रजीत सिंहगुड़गांव (हरियाणा)
3श्रीपद नाइकउत्तर गोवा (गोवा)
4जितेंद्र सिंहउधमपुर (जम्मू-कश्मीर)
5किरेन रिजिजूअरुणाचल पश्चिम
6प्रहलाद पटेलदमोह (मप्र)
7आरके सिंहआरा (बिहार)
8हरदीप पुरीराज्यसभा सदस्य
9मनसुख मांडवियाराज्यसभा सदस्य

  राज्य मंत्री
1फग्गन सिंह कुलस्तेमंडला (मप्र)
2अश्विनी चौबेबक्सर (बिहार)
3अर्जुन राम मेघवालबीकानेर (राजस्थान)
4वीके सिंहगाजियाबाद (उप्र)
5कृष्णपाल गुर्जरफरीदाबाद (हरियाणा)
6रावसाहेब दानवेजालना (महाराष्ट्र)
7जी किशनरेड्डीसिकंदराबाद (तेलंगाना)
8पुरुषोत्तम रुपालाराज्यसभा सदस्य
9रामदास आठवलेराज्यसभा सदस्य
10साध्वी निरंजन ज्योतिफतेहपुर (उप्र)
11बाबुल सुप्रियोआसनसोल (बंगाल)
12संजीव बालियानमुजफ्फरनगर (उप्र)
13संजय धोत्रेअकोला, महाराष्ट्र
14अनुराग ठाकुरहमीरपुर, हिमाचल
15सुरेश अंगड़ीबेलगाम, कर्नाटक
16नित्यानंद रायउजियारपुर (बिहार)
17रतन लाल कटारियाअंबाला (हरियाणा)
18वी मुरलीधरनराज्यसभा सदस्य
19रेणुका सिंह सरुतासरगुजा (छत्तीसगढ़)
20सोम प्रकाशहोशियारपुर (पंजाब)
21रामेश्वर तेलीडिब्रूगढ़ (असम)
22प्रताप चंद्र सारंगीबालासोर (ओडिशा)
23कैलाश चौधरीबाड़मेर (राजस्थान)
24देबश्री चौधरीरायगंज (बंगाल)
इन मेहमानों की समारोह में शिरकत 

समारोह में बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग, म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट, थाईलैंड की विशेष राजदूत ग्रीसदा बूनराच, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति जीनबेकोव, मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ मौजूद थे।

इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, जदयू प्रमुख नीतीश कुमार, आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शपथ ग्रहण में मौजूद थे। 

उद्योगपति मुकेश अंबानी पत्नी नीता अंबानी के साथ आए। इनके अलावा रतन टाटा, लक्ष्मी निवास मित्तल, गौतम अडानी भी समारोह में मौजूद थे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी मौजूद थे। हेमामालिनी, सन्नी देओल, रजनीकांत, करण जौहर, शाहिद कपूर, बोनी कपूर, कंगना रानौत, सिद्धार्थ रॉय कपूर, विवेक ओबेरॉय, अनुपम खेर, मधुर भंडारकर, बोनी कपूर ने भी समारोह में शिरकत की। पुलावामा आतंकी हमले के शहीदों के परिजनों और बंगाल में हिंसा के दौरान मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी समारोह में बुलाया गया था।

वायुसेना और इसरो के बीच समझौता हुआ 2022 तक 3 भारतीय अंतरिक्ष की सैर करेगें

  • वायुसेना और इसरो के बीच समझौता हुआ 2022 तक 3 भारतीय अंतरिक्ष की सैर करेगें

  • मानव मिशन के लिए वायुसेना ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ समझौता किया है। वायुसेना की ओर से बुधवार शाम ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई। मिशन गगनयान के तहत इसरो 2021-22 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो और वायुसेना इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करेंगे और उन्हें ट्रेनिंग देंगे।भारतीय वायुसेना सिर्फ क्रू मेंबरों का चुनाव नहीं करेगी, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण भी देगी।
  • ISRO and Air Force compromise for Gagan Yan Mission, gagan Yan mission


  • ISRO चीफ के. सिवन ने बताया कि क्रू को पहले 2 चरण की ट्रेनिंग एयरफोर्स ही देगी। आखिरी चरण की ट्रेनिंग विदेश में होगी, वायुसेना गगन यान मिशन के लिए 10 क्रू मेंबरों का चयन करेगी। 10 क्रू मेंबरों में 3 का  फाइनल सिलेक्शन होगा। कुछ समय पहले यह कहा जा रहा था कि 3 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक महिला हो सकती है।
  • इसरो प्रमुख के सिवन की मौजूदगी में वायुसेना के एवीएम आरजीके कपूर और गगनयान मिशन के डायरेक्टर आर हट्टन ने मंगलवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किए। सिवन ने कहा कि मिशन गगनयान के तहत सबसे पहले 2022 में जीएसएलवी मार्क-III के जरिए दो मानवरहित यान भेजे जाएंगे। इसके बाद तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में सात दिन के लिए भेजा जाएगा। यह मिशन सफल रहा तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन अंतरिक्ष में मानवयान भेज चुके हैं।
  • मोदी कैबिनेट ने 10 हजार करोड़ रु. की मंजूरी दी थी
    मोदी सरकार ने 28 दिसंबर, 2018 को देश के पहले मानव स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम (मिशन गगनयान) को मंजूरी दी थी। कैबिनेट बैठक में इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। मिशन को पूरा करने में 9023 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। 
  • इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन के. सिवन ने कहा, 'हमने क्रू सिलेक्शन एवं ट्रेनिंग से जुड़े सभी मानदंडों और जरूरतों को तय कर दिया है और इसे इंडियन एयर फोर्स को सौंप दिया गया है। ट्रेनिंग के पहले 2 चरण इंडियन एयरफोर्स के इंस्टिट्यूट ऑफ ऐरोस्पेस मेडिसिन (बेंगलुरु) में होंगे और उसके बाद आखिरी चरण की ट्रेनिंग विदेश में होगी।' के. सिवन ने कहा कि विदेश में ट्रेनिंग के लिए रूस फ्रांस जैसे देशों पर गौर कर रहे हैं लेकिन इस पर अभी फाइनल डिसीज़न नहीं हुआ है।

  • फिलीपींस में नया कानून- ग्रेजुएशन की डिग्री तभी मिलेगी जब छात्र 10 पौधे लगाएंगे

बुधवार, 29 मई 2019

फिलीपींस में नया कानून- ग्रेजुएशन की डिग्री तभी मिलेगी जब छात्र 10 पौधे लगाएंगे

  • फिलीपींस में नया कानून- ग्रेजुएशन की डिग्री तभी मिलेगी जब छात्र 10 पौधे लगाएंगे

मनीला. 20 वीं सदी में फिलीपींस में वन 70% से कम होकर 20% तक सिमट गया है। पर्यावरण को बचाने के लिए वहां एक अच्छी पहल की गई है। सरकार चाहती है कि देश को फिर से हरा-भरा बनाया जाए। इसके लिए फिलीपींस में नया कानून बनाया गया है, इसमें ग्रेजुएशन पूरा करने से पहले छात्रों के लिए कम से कम 10 पौधे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

Planting plant, रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कानून के जरिए एक साल में फिलीपींस में 17.5 करोड़ पौधे लग सकेंगे सरकार और विपक्षी पार्टियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से कानून को मंजूरी दी। Philippines passes law Requiring student to Plant 10 trees if they went to graduate


525 अरब पौधे लगाने का लक्ष्य

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कानून के जरिए एक साल में फिलीपींस में 17.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे । सरकार और विपक्षी पार्टियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से कानून को मंजूरी दी.  फिलीपींस की मैग्डलो पार्टी के नेता गैरी अलेजनो की इस कानून को तैयार करने में अहम भूमिका रही। उनका कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो एक पीढ़ी करीब 525 अरब पौधे लगाएगी। जितने पौधे लगाए जाते हैं, उनमें 10% ही जीवित रह पाते हैं। यानी अगली पीढ़ी के लिए 52.5 करोड़ पौधे उपलब्ध होंगे।


चाबहार बंदरगाह पर भारत का नियंत्रण

श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर

प्रेमिकाओं के प्यार में मारे जा रहे आंतकी

हर साल पास होते हैं 5 लाख कॉलेज ग्रेजुएट

अलेजनो के मुताबिक- फिलीपींस में हर साल तकरीबन 1 करोड़ 75 लाख छात्र अलग-अलग डिविजन की क्लास पास करते हैं। इनमें 1 करोड़ 20 लाख एलिमेंट्री क्लासेज से पास होते हैं। जबकि 50 लाख हाईस्कूल से और 5 लाख कॉलेजों से ग्रेजुएट होते हैं। इन सभी को मिलाकर देखा जाए तो नए कानून के मुताबिक हर साल 17.5 करोड़ पौधे लगाए जा सकते हैं।


जगह के हिसाब से हो पौधरोपण

कानून के मुताबिक- पौधे ऐसी जगहों पर लगाए जाएं, जहां उनके जीवित रहने की संभावना ज्यादा हो। इनमें वन क्षेत्र, संरक्षित एरिया, मिलिट्री रेंज और शहरों की चुनिंदा जगहें शामिल हैं। पौधों का चयन भी जगह को देखकर किया जाना चाहिए। कानून के मुतबिक देश में तैयार प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता के आधार पर लगाया जाएगा।


वन क्षेत्र सिमटने से प्राकृतिक आपदाएं हो रहीं

कानून को लागू करने का जिम्मा देश के शिक्षा विभाग के साथ उच्च शिक्षा आयोग को दिया गया है। कानून बनाने का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के साथ आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना भी है। अलेजनो का कहना है कि वन क्षेत्र सिमटने की वजह से ही देश में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। प्राकृतिक आपदाओं की वजह से लोग मारे जा रहे हैं साथ ही देश की अमूल्य धरोहरों को नुकसान पहुंच रहा है। इस कानून के लागू होने से इन समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।

चाबहार बंदरगाह पर भारत का नियंत्रण

चाबहार बंदरगाह पर भारत का नियंत्रण

कूटनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह पर भारत का नियंत्रण हो गया है। 
भारत की मदद से विकसित हुए ईरान के चाबहार बंदरगाह पर भारतीय कंपनी ने अपना कामकाज सम्हाल लिया है। भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड ने शाहिद बहिश्ती बंदरगाह पर काम करने की शुरुआत कर दी है। भारतीय कंपनी को यह बंदरगाह फिलहाल 18 महीनों के लिए लीज़ पर दिया गया है, इस लीज को बाद में 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाएगा।
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चाबहार बंदरगाह

पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को देगा टक्कर

पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह के चीन ने विकसित किया है। इस बंदरगाह के बन जाने से भारत चिंतित था क्योंकि इससे पाकिस्तान और चीन को भारत पर सैन्य बढ़त मिल गई थी। इस बंदरगाह पर चीन का नियंत्रण है। ग्वादर बंदरगाह के मदद से चिनी और पाक जहाज कभी भी भारत पर आसानी से हमला कर सकते हैं। 




आर्थिक गतिविधियों मदद मिलेगी
चाबहार बंदरगाह परियोजना भारत को ईरान के रास्ते अफगानिस्तान तक साजो-सामान भेजने में काफी मददगार साबित होगी। इस परियोजना से तीनों मुल्कों को कारोबार औऱ आर्थिक गतिविधयां बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस बंदरगाह के चालू होने के साथ ही ईरान, भारत, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के अन्य देशों के बीच पाकिस्तानी रास्ते का इस्तेमाल किए बगैर एक नया रणनीतिक मार्ग भी मिल गया है। गौरतलब है कि चाबहार बंदरगाह के रास्ते भारत से अफगानिस्तान को 11 लाख टन गेंहू का पहला कनसाइनमेंट अक्टूबर 2017 में भेजा गया था। इसके बाद फरवरी 2018 में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की भारत यात्रा के दौरान चाबहार के शाहिद बहिश्ती बंदरगाह का नियंत्रण भारतीय कंपनी को सौंपने का निर्णय हुआ था।

अटल सरकार में हुआ था समझौता
चाबहार बंदरगाह परियोजना के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2003 में आरंभिक समझौता किया गया था। हालांकि यह सौदा बाद के वर्षों में आगे नहीं बढ़ पाया था, लेकिन अब पिछले कुछ सालों में आई तेजी ने इस परियोजना को रफ्तार दी है। वहीं भारत द्वारा 2009 में निर्मित जारंज-देलारम सड़क अफगानिस्तान के राजमार्ग तक पहुंच प्रदान कर सकता है। ये रूट अफगानिस्तान के चार प्रमुख शहरों हेरात, कंदहार, काबुल और मजार-ए-शरीफ तक पहुंच प्रदान कर सकता है।


रविवार, 26 मई 2019

श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर

श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर 



खुफिया एजेंसियों ने श्रीलंका और भारत के बीच समुद्र में आईएस आतंकियों का पता लगाया है। खुफिया एजेंसियों ने इसका अलर्ट जारी किया है। इसके मुताबिक 15 आईएस आतंकी बोट में सवार होकर भारत पहुंच सकते हैं। खुफिया एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी करने के बाद कोस्टगार्ड और नौसेना अलर्ट पर है।
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आतंकी समुद्र के रास्ते श्रीलंका से लक्षद्वीप की ओर बढ़ रहे हैं। इसके बाद रविवार को कोस्टगार्ड ने हर संदिग्ध बोट पर नजर रखने के लिए शिप और सर्विलांस एयरक्राफ्ट तैनात किए। श्रीलंका से लगे समुद्री सीमा पर नजर रखी जा रही है। केरल पुलिस ने तटीय जिलों में हाईअलर्ट जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि चौकसी बढ़ाने के लिए अलर्ट जारी करना सामान्य प्रकिया है, लेकिन इस बार आतंकियों की संख्या तक बताई गई है।
श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर।


प्रेमिकाओं के प्यार में मारे जा रहे आंतकी


अगर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि आतंकी श्रीलंका से समुद्र के रास्ते भारत आ रहे हैं तो यह इस बात का संकेत है कि भारत में बड़े आतंकी हमले होने वाले हैं। आईएस आतंकी संगठन दुनिया की सबसे क्रूर व खतरनाक आतंकी संगठन है। यह अभी इराक और सीरिया में सक्रिय है। आईएस भारत में पैर पसारना चाहता है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कश्मीर और केरल में इसकी  मौजूदगी है। केरल के कई युवा आईएस में शामिल होने इराक गए थे।

श्रीलंका में हमले से पहले केरल में रुके थे आतंकी

श्रीलंका में चर्च में हुए आतंकी हमलों में बहुत से लोगों को अपने जिंदगी से हाथ धोना पड़ा था। आतंकी श्रीलंका में हमला करने से पहले केरल में रुके थे। श्रीलंकाई सेना ने बताया था कि आतंकी हमले करने से पहले केरल और कश्मीर गए थे। 


26/11 मुंबई आतंकी हमला में आतंकवादी समुद्र के रास्ते ही भारत में घुसे थे


26/11/2008 को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते भारत में घुसकर मुंबई के प्रमुख स्थानों होटल ताज, ओबेरॉय होटल, क्षत्रपती शिवाजी टर्मिनल आदि स्थानों पर हमला किए थे। जिसमें 166 बेगुनाह लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस और सेना के जवानों ने अपनी जान हथेली पर रखकर आतंकियों को मार गिराया था। 1 आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया था जिसे बाद में फांसी दी गई। इस आतंकी हमले को 26/11 के नाम से जाना जाता है।