शनिवार, 20 अप्रैल 2019

भारतीय नौसना के युद्धपोत चीन में दिखाएंगे अपनी ताकत

भारतीय नौसेना के युद्धपोत चीन में दिखाएंगे अपनी ताकत

भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शक्ति चीन की नौसेना के 70 वें वर्षगांठ समारोह के सिलसिले में 21 अप्रैल को हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आइएफआर ) में चीन के किंगदाओ में मौजूद रहेंगे। सेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि किंगदाओ में आईएफआर में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेश निर्मित स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंशक आईएनएस कोलकाता और फ्लीट सपोर्ट पोत आईएनएस शक्ति द्वारा किया जाएगा।


Naval ship to countries around the world in International Fleet Review


आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शक्ति

आईएनएस कोलकाता नौसेना युद्ध के सभी आयामों में खतरों से निपटने के लिए अत्याधुनिक हथियारों और संवेदकों से लैस है।
 Indian Navy Ship, INS Kolkata

आईएनएस शक्ति एक पुनः पूर्ति पोत है जो 27000 टन से अधिक डिसप्लेस करने वाले सबसे बड़े टैंकरों में से एक है और यह 15000 टन तरल माल तथा खाद्यानों एवं गोला बारूद सहित 500 टन से अधिक ठोस माल ढो सकता है। भारतीय नौसेना के सबसे शक्तिशाली विध्वंशक और फ्लीट सपोर्ट पोत की यात्रा भारत की ताकत, स्वदेशी पोत निर्माण क्षमता को प्रदर्शित करता है।

Indian Navy's Warships, INS Shakti


नौसेना के पराक्रम का अवलोकन करेगें राष्ट्रपति और अधिकारी

भारतीय नौसैनिक पोतों के चीन प्रवास के दौरान प्रतिभागी नौसेनाओं के अधिकारियों के परस्पर बातचीत, चीनी नौसेना के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों तथा सरकारी अधिकारियों के साथ वार्ता, व्यावसायिक आदान प्रदान तथा विभिन्न प्रकार के खेल स्पर्धाओं आयोजन किया जाएगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 23 अप्रैल को इनका अवलोकन करेगें।

 Chinese President Xi Jinping inspecting Chinese army



60 से अधिक देश कार्यक्रम में शामिल होंगे



चीन के रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में 60 से अधिक देश कार्यक्रम में शामिल होंगे। आईएफआर नौसेना जहाजों, विमानों एवं पनडुब्बियों का एक परेड है और इसका आयोजन राष्ट्रों द्वारा सद्भावना को बढ़ावा देने, सहयोग को मजबूत बनाने और उनकी संगठनात्मक क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। देश अपनी नौसेना के ताकत का प्रसारकरते है।



भारत के पास अवसर 

भारत के  पास बड़ा अवसर है कि वह आइएफआऱ के माध्यम से चीन और पाकिस्तान को अपनी नौसैनिक क्षमता  को दिखा सके और उसे यह बता सके कि वह दोनों देशों के साथ युद्ध लड़ने और जितने कि काबिलियत रखता है।

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