शनिवार, 9 नवंबर 2019

सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोध्या की विवादित जमीन पर ही बनेगा भव्य राम मंदिर, रामजन्मभूमी बाबरी मस्जिद विवाद पर 70 सालों बाद फैसला

सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोध्या की विवादित जमीन पर ही बनेगा भव्य राम मंदिर, रामजन्मभूमी बाबरी मस्जिद विवाद पर 70 सालों बाद फैसला

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  • सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला विवादित ढाचें की जमीन हिन्दुओं को मिलेगी, मस्जिद के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन जगह।
  • कोर्ट ने माना - देवता कानूनी व्यक्ति।
  • 2.77 एकड़ जमीन पर रामलला विराजमान का हक।
  • 1992 में मस्जिद को ढहाना, 1949 में मूर्तियां रखना गैरकानूनी था।
  • शिया वफ्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा का दावा किया खारिज।
  • केंद्र 3 महीने में स्कीम लाए और ट्रस्ट करेगा राम मंदिर का निर्माण।



देश के सबसे बड़े विवाद रामजन्मभुमी बाबरी मस्जिद विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। यह ऐतिहासिक फैसला हिन्दुओं के पक्ष में आया है। कोर्ट ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 1045 पेज का है, जिसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 42 मिनट में पढ़कर सुनाया इसमें विवादित ढांचे को भगवान राम का जन्मस्थान माना गया।



 फैसले की 4 बड़ी बातें

  1. जमीन को 3 हिस्सों में बांटने का हाईकोर्ट का फैसला गलत-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिन्दू लंबे समय से विवादित स्थल पर पूजा करते रहे हैं, जबकि मुस्लिम वहां नमाज पढ़ना छोड़ चुके थे। जमीन को 3 हिस्सों में बांटने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत था। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जमीन को रमलला विराजमान, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को दी थी।


2. मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोकना गैरकानूनी था-
कोर्ट ने कहा कि 1949 में मुस्लिमो को नमाज पढ़ने से रोक दिया गया था। 450 साल से ज्यादा पुरानी मस्जिद से मुस्लिमो को गलत ढंग से बाहर किया गया। इसलिए कोर्ट अनुच्छेद-142 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल कर मुस्लिमों को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश देता है।


3. मस्जिद के नीचे मंदिर था, लेकिन यह साबित नहीं हो पाया की उसे तोड़ा गया था-
कोर्ट ने कहा एएसआई की रिपोर्ट से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ढांचे के नीचे मिले अवशेष मंदिर के थे मस्जिद के नहीं। लेकिन रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि मंदिर को तोड़ा गया था।


4. निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज, लेकिन ट्रस्ट में शामिल हो सकता है।
कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावों को खारिज कर दिया है लेकिन यह भी कहा कि वह ट्रस्ट में शामिल हो सकता है।


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