छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री कि केंद्र को चेतावनी- धान नहीं खरीदने पर राज्य का कोयला रोक देने की धमकी
सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ का चावल नहीं खरीदे जाने पर छत्तीसगढ़ सरकार की पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा करने के बाद केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच टकराव बढ़ने लगा है। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार राज्य से 24 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पुल में खरीदें। लेकिन केंद्र सरकार चावल खरीदने के लिए मना कर रही है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार का आग्रह नहीं मान रहा है।
इस बीच छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार आर्थिक नाकेबंदी करने के लिए मजबूर हो जाएगी। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम कोरबा से जाने वाला कोयला भी रोक देंगे। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से 120 मिलियन टन कोयला खनन किया जाता है और इसको पूरे देश में भेजा जाता है जिससे कई राज्य बिजली उत्पादन करते हैं। अगर राज्य सरकार कोयले को राज्य से बाहर जाने से रोक देती है तो पूरे देश में बिजली संकट पैदा हो सकती है।
राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार थी तब 2 सालों तक नियमों को शिथिल किया गया था तो फिर अब क्यों केंद्र चावल लेने से मना कर रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि सरकार किसी भी हालत में किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से से ही धान खरीदेगी
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की यह चेतावनी इसलिए भी काफी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि अकेले कोरबा से लगभग 120 मिलीयन टन में कोयले का उत्पादन होता है जो कि देश की कुल कोयले उत्पादन का लगभग 11 फ़ीसदी है। कोरबा में उत्पादन होने वाले कोयले को देश के अन्य राज्यों में भेजा जाता है जहां एनटीपीसी जैसे बिजली उत्पादन करने वाली कंपनिया वहां बिजली का उत्पादन करती हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार उसे 24 लाख मीट्रिक टन चावल सेंटर पुल में खरीदे लेकिन केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से यह कहते हुए सेंट्रल पुल में चावल लेने से यह कहकर मना कर दिया है कि यहां के किसानों को धान का बोनस दिया जा रहा है। केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार सरकार के बीच जंग बढ़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार और और कांग्रेस पार्टी द्वारा 13 नवंबर को 500 गाड़ियों के काफिले के साथ दिल्ली जाने की तैयारी की जा रही है साथ ही किसानों द्वारा हस्ताक्षर किए गए 20 लाख पत्र भी दिल्ली ले जाया जाएगा।
- देश के कुल कोयला उत्पादन का 12% कोयला का उत्पादन अकेले कोरबा में होता है
- छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने पर अड़ी
भूपेश बघेल |
सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ का चावल नहीं खरीदे जाने पर छत्तीसगढ़ सरकार की पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा करने के बाद केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच टकराव बढ़ने लगा है। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार राज्य से 24 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पुल में खरीदें। लेकिन केंद्र सरकार चावल खरीदने के लिए मना कर रही है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार का आग्रह नहीं मान रहा है।
इस बीच छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार आर्थिक नाकेबंदी करने के लिए मजबूर हो जाएगी। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम कोरबा से जाने वाला कोयला भी रोक देंगे। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से 120 मिलियन टन कोयला खनन किया जाता है और इसको पूरे देश में भेजा जाता है जिससे कई राज्य बिजली उत्पादन करते हैं। अगर राज्य सरकार कोयले को राज्य से बाहर जाने से रोक देती है तो पूरे देश में बिजली संकट पैदा हो सकती है।
राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार थी तब 2 सालों तक नियमों को शिथिल किया गया था तो फिर अब क्यों केंद्र चावल लेने से मना कर रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि सरकार किसी भी हालत में किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से से ही धान खरीदेगी
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की यह चेतावनी इसलिए भी काफी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि अकेले कोरबा से लगभग 120 मिलीयन टन में कोयले का उत्पादन होता है जो कि देश की कुल कोयले उत्पादन का लगभग 11 फ़ीसदी है। कोरबा में उत्पादन होने वाले कोयले को देश के अन्य राज्यों में भेजा जाता है जहां एनटीपीसी जैसे बिजली उत्पादन करने वाली कंपनिया वहां बिजली का उत्पादन करती हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार उसे 24 लाख मीट्रिक टन चावल सेंटर पुल में खरीदे लेकिन केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से यह कहते हुए सेंट्रल पुल में चावल लेने से यह कहकर मना कर दिया है कि यहां के किसानों को धान का बोनस दिया जा रहा है। केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार सरकार के बीच जंग बढ़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार और और कांग्रेस पार्टी द्वारा 13 नवंबर को 500 गाड़ियों के काफिले के साथ दिल्ली जाने की तैयारी की जा रही है साथ ही किसानों द्वारा हस्ताक्षर किए गए 20 लाख पत्र भी दिल्ली ले जाया जाएगा।