गुरुवार, 7 नवंबर 2019

छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम

छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम


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छत्तीसगढ़ विधानसभा



छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री और उसके कैबिनेट मंत्रियों के नाम

विधानसभा सत्र - 2018-2023



कुल विधानसभा क्षेत्र - 90

राज्यपाल - सू श्री अनुसुइया उइके

विधानसभा अध्यक्ष - श्री चरणदास महंत

मुख्यमंत्री - श्री भूपेश बघेल


कैबिनेट मंत्रियों और उनके विभाग-



क्र.
मंत्री
आबंटित विभाग
1.
भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री, सामान्य प्रशासन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, जनसंपर्क, खनन, ऊर्जा और अन्य विभाग जो किसी अन्य मंत्री को आबंटित नहीं किए जाते।
2.
टी. एस. सिहदेव
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकिस्था शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी, वाणिज्यिक कर (GST), 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन
3.
ताम्रध्वज साहू
गृह, जेल, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन और संस्कृति, धर्म न्यास और धर्मस्व
4.
रविन्द्र चौबे
कृषि और जैव प्रौद्योगिक, पशुपालन, जल संसाधन, मत्स्य पालन, आयकूट
5.
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
स्कूल शिक्षा, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, आदिवासी अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति
6.
मोहम्मद अकबर
आवास और पर्यावरण, वन, विधायी कार्य , कानून परिवहन, खाद्य
7.
कवासी लखमा
वाणिज्य और उद्योग, वाणिज्यिक कर ( उत्पाद शुल्क)
8.
डॉ. शिव डहरिया
श्रम, नगरीय प्रशासन
9.
श्रीमती अनिला भेड़िया
महिला और बाल विकास और समाज कल्याण
10.
जयसिंह अग्रवाल
वाणिज्यिक कर ( पंजीकरण और स्टाम्प), राजस्व और आपदा प्रबंधन पुनर्वास
11.
उमेश पटेल
तकनीकी शिक्षा और रोजगार, उच्च शिक्षा, खेल और युवा कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, कौशल विकास, जनशक्ति योजना
12.
गुरु रुद्र कुमार
विलेज इंड्रस्टी, पब्लिक हेल्थ इंजीनिरिंग
13.
अमरजीत भगत
योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण और संस्कृति मंत्री


बुधवार, 6 नवंबर 2019

दुनिया की सबसे बड़ी व्यापार समझौते RCEP डील से पिछे हटा भारत, चीनी माल के भारत में डंप होने तथा घरेलू चिताएँ इस डील से पिछे हटने का कारण बना

दुनिया की सबसे बड़ी व्यापार समझौते RCEP डील से पिछे हटा भारत, चीनी माल के भारत में डंप होने तथा घरेलू चिताएँ इस डील से पिछे हटने का कारण बना



थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में हुए क्षेत्रीय व्यापार आर्थिक भागीदारी या  RCEP समझौते से भारत पिछे हट गया है। भारत ने क्षेत्रीय व्यापार आर्थिक भागीदारी समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। इसे दुनिया की सबसे बड़ा मुक्त व्यापार समझौते कहा जा रहा है जिसमें भारत , चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, आसियान देश जैसे करीब 16 एशियाई देश शामिल होंगे।

India withdraws from the world's largest free trade agreement Regional Comprehensive Economic Partnership




अब भारत के इस व्यापार समझौते से बाहर आ जाने से इस व्यापार समझौते में शामिल होने वाले देशों को बहुत बड़ा धक्का लगा है, क्योंकि सबको लग रहा था कि भारत इस समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। लेकिन घरेलू परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार आरसीईपी समझौते से पिछे हट गई। Rcep डील दुनिया की सबसे बड़ी व्यापार डील है।


 इस समझौते की महत्व का अंदाजा इस बात बात से लगाया जा सकता है कि इन देशों में दुनिया की आधी आबादी रहती है इसका मतलब ये है कि कारोबार करने के लिए दुनिया का आधा बाजार इनको मिल जाएगा। दुनिया की एक तिहाई जीडीपी इस मुक्त व्यापार समझौते के माध्यम से आएगी। इसके साथ ही दुनिया के लगभग 40 फीसदी कारोबार पर rcep समझौते का हो जाएगा।


 इस समझौते में शामिल होना भारत के लिए घातक हो सकता था यही कारण था कि समूचा देश इस समझौते में शामिल होने के खिलाफ था। rcep समझौते में शामिल 16 देशों की अर्थव्यवस्था को देखें तो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर बाकी के 12 से ज्यादा देशों की अर्थव्यवस्था उत्पादन पर आधारित है इस समझौते में सबसे बड़ी ताकत चीन है जो दुनिया की सबसे बड़ा उत्पादक देश है।


 जबकि भारत की अर्थव्यवस्था आईटी और सर्विस सेक्टर पर आधारित है। इस समझौते से भारत को ज्यादा फायदा नहीं होता बल्कि भारत को बहुत नुकसान उठाना पड़ता। इस मुक्त व्यापार समझौते में भारत के शामिल हो जाने से भारत का निर्यात तो नहीं बढ़ता बल्कि आयात बहुत ज्यादा बढ़ जाता जिससे हमारी देश की व्यापार घाटा बढ़ जाता। इस समझौते में भारत के शामिल हो जाने से भारत के घरेलू उद्योगों और किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता।


 वर्तमान में भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है लेकिन उसका ज्यादातर ही साफ देश में ही कब जाता है जबकि इसके ठीक उलट न्यूजीलैंड अपने कुल दुग्ध उत्पादन का 95% हिस्सा निर्यात करता है। जो दूध भारत में किसान से ₹31 प्रति लीटर में खरीदा जा रहा है उसकी कीमत न्यूजीलैंड में सिर्फ ₹10 है। अगर यह दूध भारत में आने लगा दो देश के किसान और इससे जुड़े संगठन पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे और भारत की घरेलू दुग्ध इंडस्ट्री पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।


 भारत ने आसियान और पड़ोसी देशों से जो पहले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए हैं उनकी वजह से देश का कपड़ा उद्योग पहले ही संकट में फंसा हुआ है। इन देशों के साथ व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है।


 rcep में भारत की सबसे बड़ी चिंता और आपत्ति टैरिफ रिडक्शन का आधार वर्ष 2014 किए जाने पर थी भारत चाहता था कि इसे 2019 रखा जाए 2014  आधार वर्ष रखे जाने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि लगभग सारे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स शत-प्रतिशत ड्यूटी फ्री हो जाते और चीनी कंपनियां अपने उत्पादों से भारत के बाजार को लगभग पाठ देती। भारत सर्विस सेक्टर को इस आरसीपी समझौते में शामिल करवाना चाहता था जिसमें भारत बहुत ही मजबूती स्थिति में है इसके लिए बाकी देश तैयार नहीं थे इन सब कारणों से भारत ने आरसीएपी समझौते से पीछे हटने का फैसला लिया।

सोमवार, 4 नवंबर 2019

अमेरिकी वायुसेना के फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर एयरक्राफ्ट्स लॉकहीड मार्टिन F-22 राप्टर अन्य विमानों, जहाजों से 'God'd Eye View' साझा करने के लिए तैयार











अमेरिकी वायुसेना के फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर एयरक्राफ्ट्स F-22 अन्य विमानों, जहाजों से लिंक के लिए तैयार। F-22 रॉप्टर जल्द ही बैटलस्पेस के अपने 'God's Eye View' को साझा करेगा।


USAF stealth Fighter jet Lockheed Martin F-22 Raptor
Lockheed Martin F-22 Raptor





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अमेरिकी वायु सेना  में प्रवेश करने के तेरह साल बाद, लॉकहीड मार्टिन एफ -22 रैप्टर स्टील्थ फाइटर ने आखिरकार जहाजों, जमीनी बलों और अन्य विमानों के साथ संवाद करने की क्षमता हासिल कर लिया है।

अमेरिकी वायुसेना (USAF) की सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान F-22 राप्टर है। यह फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट है जिसे लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है।


अमेरिकी वायुसेना (USAF)   और  लॉकहीड ने लिंक -16 डटलिंक पर लगभग 180 एफ -22 पर स्थापित शुरू करने की योजना बनाई है, जो अमेरिका और उसके सभी संबद्ध बलों को ध्वनि रहित रेडियो संदेश के माध्यम से स्थान और लक्ष्यीकरण डेटा को स्वैप करने की अनुमति देता है।


USAF stealth Fighter jet Lockheed Martin F-22 Raptor
Lockheed Martin F-22 Raptor



लिंक -16 अमेरिका और वायु सेना (USAF)  संबद्ध विमानों जहाजों वायु रक्षा प्रणालियों पर मानक है, लेकिन वर्तमान में एफ -22 में प्रणाली शामिल नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एफ -22 अपने स्टेल्थ फीचर्स के साथ लिंक -16 संदेशों को प्रसारित करके अपना स्थान छोड़ सकता है।

अमेरिकी वायुसेना के एफ -22 रैप्टर पायलटों को एफ -22 के अद्वितीय, अत्यधिक-सुरक्षित डटलिंक के माध्यम से एक-दूसरे के साथ शब्द-रहित संवाद कर सकते हैं। लेकिन, उनको पास के F-16 के पायलट के साथ संवाद करने के लिए, एक रैप्टर पायलट को एक रेडियो चैनल खोलना होगा ।


यह एफ -22 के संचालन के तरीके में एक बड़ी खामी है। अपने स्टील्थ और शक्तिशाली सेंसर के साथ रैप्टर प्रत्यक्ष रूप से मुकाबला करने में अन्य बलों की मदद कर सकता है, बशर्ते कि यह ध्वनिहीन रूप से संवाद कर सके। वर्तमान में वायु सेना एफ -22 के गुप्त तरीके  से समझौता करने के लिए कुछ हद तक तैयार है ताकि इसे अधिक सहयोगी प्रणाली बनाया जा सके।


दो साल पहले, एफ -22 आधुनिकीकरण के प्रयासों में बढ़ते देरी का सामना करना पड़ा, जिसने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर लड़ाकू के प्रभुत्व को धमकी दी, वायु सेना ने जिस तरह से यह रैप्टर को अपडेट रोल आउट करता है, उसे सुधारने का फैसला किया।



एक पारंपरिक दृष्टिकोण के बजाय, जिसमें आवश्यकताओं को विस्तार से प्रलेखित किया जाता है और अद्यतन तब तक वितरित नहीं किया जाता है जब तक कि प्रत्येक तत्व पूरा न हो जाए, यूएसएएफ 'फुर्तीली' विकास के रूप में जाना जाने वाले दृष्टिकोण का उपयोग करके एक रोलिंग के आधार पर नई क्षमताओं को पेश करना चाहता था।

USAF stealth Fighter jet Lockheed Martin F-22 Raptor image
Lockheed Martin F-22 Raptor


अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। उसके पास एक से बढ़कर एक लड़ाकू विमान हैं। जिनमें F-22, F-35 जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं । इन्हीं खतरनाक लड़ाकू विमानों की वजह से अमेरिकी वायुसेना सबसे ताकतवर वायु सेना है। 


वायु सेना ने चार साल पहले "फुर्तीली क्षमता वितरण पाइपलाइन" में चल रहे एफ -22 आधुनिकीकरण के प्रयासों का पुनर्गठन किया। कम, बड़े वाले के बजाय कई छोटे अद्यतनों के साथ, आधुनिकीकरण जिसने एक दशक या उससे अधिक समय लिया, अब कुछ ही वर्षों में होने लग सकता है। 



वायु सेना के लिए, लिंक -16 को एफ -22 में जोड़ना, वाटरमैन के अनुसार एक सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई। 



मंगलवार, 9 जुलाई 2019

पहला सेमीफाइनल मैच बारिश के कारण रुका, आज रिजर्व डे पर मैच होगा कल जहां पर मैच खत्म हुआ आज वहीं से शुरू होगा

बारिश ने डाला खलल


मंगलवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मुकाबला बारिश के कारण पूरा नहीं हो पाया। जब न्यूजीलैंड ने 46.1 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 211 रन बना लिए थे तब बारिश होना शुरू हो गया।  बारिश के वजह से मैच पूरा नहीं हो सका। मैच 2 घंटे तक रोका गया। फिर भी बारिश नहीं रुकी तो अंपायरों ने मैच को रिजर्व डे यानी की बुधवार को पूरा करने करने का फैसला किया।

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बुधवार को मैच वहां से शुरू होगा जहां से कल मैच खत्म हुआ था। पहले दिन न्यूजीलैंड का स्कोर 46.1 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 211 रन था, आज न्यूजीलैंड की टीम 46.2 ओवर के साथ मैच का शुरुआत करेगी। न्यूजीलैंड के पास 3.5 ओवर का खेल और बाकी है उसके बाद उसकी पारी का अंत हो जाएगा फिर भारतीय पारी की शुरूआत होगी।
वर्ल्ड कप 2019| सेमीफाइनल मैच खेले बिना भारत पहुंच जाएगा फाइनल मुकाबले में

आईसीसी के नियमों के अनुसार अगर आज भी ज्यादा बारिश की वजह से मैच नहीं हो पाता तो लीग मैचों में ज्यादा जीत की वजह से भारत सीधे फाइनल मुकाबले में प्रवेश कर जाएगा। बारिश होने की स्थिति में भारत को ही फायदा होगा लेकिन इससे क्रिकेट प्रेमी काफी नाराज होगे। भारत की जीत के बहुत अधिक संभावना है, अगर ऐसे में बारिश होता है तो दर्शकों में नाराजगी होना लाजमी है।

न्यूजीलैंड की खराब शुरुआत


न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। लेकिन कप्तान केन विलियमसन का यह फैसला गलत साबित हुआ। शुरुआती 2 ओवरों में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके। चौथे ओवर में बुमराह ने मार्टिन गुप्टिल (1) को विराट कोहली के हाथों कैच कराया। गुप्टिल के आउट होने के बाद केन विलियमसन और हेनरी निकोल्स ने दूसरे विकेट के लिए 68 रन जोड़े।

 निकोल्स ( 28) को जडेजा ने आउट किया। न्यूजीलैंड ने पहले पॉवर प्ले में अब तक का सबसे कम स्कोर बनाया। 29 ओवर में न्यूजीलैंड ने 100 रन पूरे किए। फिर चहल ने केन विलियमसन ( 67 ) को आउट किया। नीशम (12) को हार्दिक ने कार्तिक के हाथों कैच कराया। भुवनेश्वर कुमार ने ग्रेंदहोम ( 16) को आउट किया।

सोमवार, 8 जुलाई 2019

वर्ल्ड कप 2019| सेमीफाइनल मैच खेले बिना भारत पहुंच जाएगा फाइनल मुकाबले में

भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज होगा सेमीफाइनल मुकाबला


भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मुकाबला होने वाला है। आज जो टीम मैच जीतती है वो सीधे फाइनल में प्रवेश कर जाएगी। वर्ल्ड कप में भारत का सफर बहुत ही बढ़िया रहा है। लीग मैचों में भारत ने बढ़िया प्रदर्शन किया है। लीग मुकाबलों के कुल 9 मैचों में से 7 मैचों में भारत को जीत हासिल हुई, इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच में हार का सामना करना पड़ा, वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ बारिश की वजह से मैच ड्रॉ हो गया। प्वाइंट टेबल में भारत 9 मैचों में 7 जीत, एक हार के साथ 15 अंको के साथ पहले नंबर पर है, वहीं न्यूजीलैंड 5 जीत 3 हार के साथ 11 अंको के साथ प्वाइंट टेबल में चौथे नंबर पर है।

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विराट कोहली



बिना सेमीफाइनल मुकाबला खेल ऐसे फाइनल में प्रवेश करेगा भारत


 ब्रिटिश मौसम विभाग के अनुसार मैच में बारिश खलल डाल सकती है। मैच वाले दिन यानी की 9 तारीख को बारिश होने की 40 से 50 प्रतिशत चांसेज है। अगर बारिश के कारण मैच नहीं हो पाता है तो यह सेमीफाइनल मुकाबला अगले दिन यानी कि बुधवार को खेला जाएगा। आईसीसी ने सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले के लिए रिज़र्व डे का प्रावधान रखा है, लीग मैचों में रिज़र्व डे का प्रावधान नहीं रखा गया था। अगर बुधवार को भी बारिश होती है और मैच नहीं हो पाता तो लीग मैचों में ज्यादा जीत की वजह से भारत सीधे फाइनल में प्रवेश कर जाएगा।

भारतीय खिलडियों का शानदार प्रदर्शन


टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। रोहित शर्मा अपने फुल फार्म में है। वे अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अब तक 9 मैचों के कुल 8 पारियों में 5 शतकों  की मदद से 647 रन बना चुके हैं इस दौरान उनका औसत 92.42 का रहा। रोहित शर्मा इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली भी लय में है, कोहली अब तक 8 पारियों में 442 रन बना चुके हैं। शिखर धवन के चोटिल होने के बाद उनकी जगह रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करने वाले केएल राहुल भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल 360 रन बना चुके हैं इस दौरान वे एक शतक भी लगा चुके हैं।

वहीं गेंदबाजों की बात की जाए तो जसप्रीत बुमराह शानदार लय में है। वे टूर्नामेंट के 9 मैचों की 8 पारियों में अब तक 17 विकेट ले चुके हैं। उनका इकॉनमी रेट 4.48 है। भुवनेश्वर कुमार के चोटिल होने के बाद टीम में जगह बनाने वाले मोहम्मद शमी भी अच्छा खेल रहे हैं।

 14 जुलाई को होगा फाइनल

वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला 14 जुलाई को  होगा। पहला सेमीफाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच मंगलवार को होने वाला है वहीं दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के 11 तारीख को होगा। दोनों सेमीफाइनल की विजेता टीमें 14 जुलाई को लार्ड्स में फाइनल मुकाबला खेलेगी।

दोनों टीमों की संभावित 11

भारत-
विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उपकप्तान), केएल राहुल, महेंद्र सिंह धोनी, हार्दिक पांड्या, दिनेश कार्तिक, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रविन्द्र जडेजा, चहल।

न्यूजीलैंड-
केन विलियमसन (कप्तान), मार्टिन गुप्टिल, हेनरी निकोलस, रास टेलर,  ग्रैंड होम, ट्रेंट बोल्ट, जेम्स नीशम, लॉकी फरग्युसन्न, मैट हेनरी,  टॉम लाथम, टीम साउदी।




रविवार, 2 जून 2019

अमेरिका ने भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर किया

अमेरिका ने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जिसे संक्षेप में जीएसपी कहते है) से बाहर कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत को जीएसपी से बाहर करने का आदेश इस महीने के 5 तारीख से लागू हो जाएगा। क्योंकि, भारत अपने मार्केट में अमेरिका को बराबर और अच्छी पहुंच उपलब्ध करवाने का भरोसा नहीं दिया है। ट्रम्प ने 4 मार्च को भारत को जीएसपी से बाहर करने का फैसला किया था। इसके लिए भारत को 60 दिन का नोटिस दिया गया था जो 3 मई को खत्म हो चुका है। जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत भारत अपना जो- जो प्रोडक्ट अमेरिका को निर्यात करता है उन पर वहां भारत को आयात शुल्क नहीं चुकाना पड़ता। 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- भारत को जीएसपी से बाहर करने का फैसला लागू करेंगे इस कार्यक्रम के तहत विकासशील देशों को अमेरिका में आयात शुल्क से छूट मिलती है यूएस की दलील- भारत में अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा आयात शुल्क लगता है | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) से बाहर करने का फैसला 5 जून से लागू हो जाएगा। USA India trade, India trade benefit, GSP, Trade War suspension of preferential  trade status for india is done deal says trump administration



  • 2017 में भारत को 40,000 करोड़ रु. के सामान पर शुल्क में छूट मिली थी


जीएसपी कार्यक्रम के तहत इस कार्यक्रम में शामिल विकासशील देशों को अमेरिका में आयात शुल्क से छूट मिलती है। इसके तहत भारत करीब 2000 उत्पाद अमेरिका को निर्यात करता है। इन उत्पादों पर अमेरिका में इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगती। भारत 2017 में जीएसपी कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी देश था। उसे अमेरिका में 5.7 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपए) के आयात पर शुल्क में छूट मिली थी।

धमकी / रूस से एस-400 डिफेंस सिस्टम का सौदा: अमेरिका ने कहा- भारत से रिश्तों पर गंभीर असर होगा

वायुसेना और इसरो के बीच समझौता हुआ 2022 तक 3 भारतीय अंतरिक्ष की सैर करेगें

फिलीपींस में नया कानून- ग्रेजुएशन की डिग्री तभी मिलेगी जब छात्र 10 पौधे लगाएंगे



अमेरिका का मानना है कि भारत अपने अनेक सामान यूएसए में बिना किसी आयात शुल्क के बेचता है, लेकिन भारत में सामान बेचने के लिए अमेरिका को आयात शुल्क चुकाना होता है। अमेरिका ने कहा कि भारत सरकार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करके इस समस्या का हल निकाला जाएगा।

इस मामले पर भारत का क्या कहना है 

भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर करने के अमेरिका के फैसले पर भारत ने कहा है कि भारत ने इस समस्या का हल पेश किया था लेकिन अमेरिका ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इस तरह के मामलों में अमेरिका और अन्य देशों की तरह भारत भी देशहित का ख्याल रखता है। आर्थिक संबंधों के मामलों में ऐसे मुद्दे बने रहते हैं जिन्हें समय-समय पर दोनों पक्षों के आपसी सहमति से इनका हल निकाला जाता है। भारत को जीएसपी से बाहर करने का मामला भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। हम अमेरिका के साथ मजबूत रिश्ते जारी रखेंगे।


इंजीनियरिंग में उपयोग होने वाले सामान, तकिया-कुशन कवर, उत्पाद। महिलओं के हाथ से बुने हुए कपड़े, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट, ऑर्गेनिक केमिकल्स, कृषि, समुद्री और हैंडीक्राफ्ट, फूड, लेदर और प्लास्टिक प्रोडक्ट, बिल्डिंग मैटेरियल प्रोडक्ट, हैंड टूल्स, आदि वस्तुएं भारत अमेरिका को निर्यात करता है।

भारत पर क्या असर पड़ेगा?

अमेरिका ने मार्च में जब भारत को जीएसपी से बाहर करने के फैसला किया था तब भारत के वाणिज्य सचिव अनूप धवन ने कहा था कि इस फैसले से भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पिछले साल भारत ने जीएसपी के तहत अमेरिका को 560 करोड़ डॉलर (39,200 करोड़ रुपए) के सामान का निर्यात किया। इस पर सिर्फ 19 करोड़ डॉलर  के आयात शुल्क की बचत हुई।

इससे अमेरिका पर क्या असर होगा: -

अमेरिका के द्वारा चलाए जा रहे जीएसपी कार्यक्रम के तहत भारत बहुत से वस्तुओं का  निर्यात करता है। इससे अमेरिकी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की लागत कम होती है। भारत को जीएसपी से बाहर करने से अमेरिका में अनेक  उत्पादों के दाम बढ़ना तय है क्योंकि भारत जो सामान निर्यात करता है उससे अमेरिक  कंपनियां अन्य प्रोडक्ट निर्माण करती है।इससे अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता दोनों प्रभावित होंगे।


आखिर ये जीएसपी कार्यक्रम क्या है?

जीएसपी कार्यक्रम 1 जनवरी 1976 को अमेरिका के ट्रेड एक्ट-1974 के तहत शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य दुनिया के विकासशील देशों के निर्यात को बढावा देेेेना था। इसमें शामिल देशों को अमेरिका में उत्पाद बेचने पर किसी  भी प्रकार का  आयात शुल्क नहीं देना होता है। इस कार्यक्रम में भारत समेत 121 देश शामिल हैं।


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