सोमवार, 4 नवंबर 2019

अमेरिकी वायुसेना के फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर एयरक्राफ्ट्स लॉकहीड मार्टिन F-22 राप्टर अन्य विमानों, जहाजों से 'God'd Eye View' साझा करने के लिए तैयार











अमेरिकी वायुसेना के फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर एयरक्राफ्ट्स F-22 अन्य विमानों, जहाजों से लिंक के लिए तैयार। F-22 रॉप्टर जल्द ही बैटलस्पेस के अपने 'God's Eye View' को साझा करेगा।


USAF stealth Fighter jet Lockheed Martin F-22 Raptor
Lockheed Martin F-22 Raptor





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अमेरिकी वायु सेना  में प्रवेश करने के तेरह साल बाद, लॉकहीड मार्टिन एफ -22 रैप्टर स्टील्थ फाइटर ने आखिरकार जहाजों, जमीनी बलों और अन्य विमानों के साथ संवाद करने की क्षमता हासिल कर लिया है।

अमेरिकी वायुसेना (USAF) की सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान F-22 राप्टर है। यह फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट है जिसे लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है।


अमेरिकी वायुसेना (USAF)   और  लॉकहीड ने लिंक -16 डटलिंक पर लगभग 180 एफ -22 पर स्थापित शुरू करने की योजना बनाई है, जो अमेरिका और उसके सभी संबद्ध बलों को ध्वनि रहित रेडियो संदेश के माध्यम से स्थान और लक्ष्यीकरण डेटा को स्वैप करने की अनुमति देता है।


USAF stealth Fighter jet Lockheed Martin F-22 Raptor
Lockheed Martin F-22 Raptor



लिंक -16 अमेरिका और वायु सेना (USAF)  संबद्ध विमानों जहाजों वायु रक्षा प्रणालियों पर मानक है, लेकिन वर्तमान में एफ -22 में प्रणाली शामिल नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एफ -22 अपने स्टेल्थ फीचर्स के साथ लिंक -16 संदेशों को प्रसारित करके अपना स्थान छोड़ सकता है।

अमेरिकी वायुसेना के एफ -22 रैप्टर पायलटों को एफ -22 के अद्वितीय, अत्यधिक-सुरक्षित डटलिंक के माध्यम से एक-दूसरे के साथ शब्द-रहित संवाद कर सकते हैं। लेकिन, उनको पास के F-16 के पायलट के साथ संवाद करने के लिए, एक रैप्टर पायलट को एक रेडियो चैनल खोलना होगा ।


यह एफ -22 के संचालन के तरीके में एक बड़ी खामी है। अपने स्टील्थ और शक्तिशाली सेंसर के साथ रैप्टर प्रत्यक्ष रूप से मुकाबला करने में अन्य बलों की मदद कर सकता है, बशर्ते कि यह ध्वनिहीन रूप से संवाद कर सके। वर्तमान में वायु सेना एफ -22 के गुप्त तरीके  से समझौता करने के लिए कुछ हद तक तैयार है ताकि इसे अधिक सहयोगी प्रणाली बनाया जा सके।


दो साल पहले, एफ -22 आधुनिकीकरण के प्रयासों में बढ़ते देरी का सामना करना पड़ा, जिसने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर लड़ाकू के प्रभुत्व को धमकी दी, वायु सेना ने जिस तरह से यह रैप्टर को अपडेट रोल आउट करता है, उसे सुधारने का फैसला किया।



एक पारंपरिक दृष्टिकोण के बजाय, जिसमें आवश्यकताओं को विस्तार से प्रलेखित किया जाता है और अद्यतन तब तक वितरित नहीं किया जाता है जब तक कि प्रत्येक तत्व पूरा न हो जाए, यूएसएएफ 'फुर्तीली' विकास के रूप में जाना जाने वाले दृष्टिकोण का उपयोग करके एक रोलिंग के आधार पर नई क्षमताओं को पेश करना चाहता था।

USAF stealth Fighter jet Lockheed Martin F-22 Raptor image
Lockheed Martin F-22 Raptor


अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। उसके पास एक से बढ़कर एक लड़ाकू विमान हैं। जिनमें F-22, F-35 जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं । इन्हीं खतरनाक लड़ाकू विमानों की वजह से अमेरिकी वायुसेना सबसे ताकतवर वायु सेना है। 


वायु सेना ने चार साल पहले "फुर्तीली क्षमता वितरण पाइपलाइन" में चल रहे एफ -22 आधुनिकीकरण के प्रयासों का पुनर्गठन किया। कम, बड़े वाले के बजाय कई छोटे अद्यतनों के साथ, आधुनिकीकरण जिसने एक दशक या उससे अधिक समय लिया, अब कुछ ही वर्षों में होने लग सकता है। 



वायु सेना के लिए, लिंक -16 को एफ -22 में जोड़ना, वाटरमैन के अनुसार एक सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई। 



रविवार, 26 मई 2019

श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर

श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर 



खुफिया एजेंसियों ने श्रीलंका और भारत के बीच समुद्र में आईएस आतंकियों का पता लगाया है। खुफिया एजेंसियों ने इसका अलर्ट जारी किया है। इसके मुताबिक 15 आईएस आतंकी बोट में सवार होकर भारत पहुंच सकते हैं। खुफिया एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी करने के बाद कोस्टगार्ड और नौसेना अलर्ट पर है।
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आतंकी समुद्र के रास्ते श्रीलंका से लक्षद्वीप की ओर बढ़ रहे हैं। इसके बाद रविवार को कोस्टगार्ड ने हर संदिग्ध बोट पर नजर रखने के लिए शिप और सर्विलांस एयरक्राफ्ट तैनात किए। श्रीलंका से लगे समुद्री सीमा पर नजर रखी जा रही है। केरल पुलिस ने तटीय जिलों में हाईअलर्ट जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि चौकसी बढ़ाने के लिए अलर्ट जारी करना सामान्य प्रकिया है, लेकिन इस बार आतंकियों की संख्या तक बताई गई है।
श्रीलंका से बोट में 15 आईएस आतंकी भारत की ओर बढ़ रहे, कोस्टगार्ड अलर्ट पर।


प्रेमिकाओं के प्यार में मारे जा रहे आंतकी


अगर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि आतंकी श्रीलंका से समुद्र के रास्ते भारत आ रहे हैं तो यह इस बात का संकेत है कि भारत में बड़े आतंकी हमले होने वाले हैं। आईएस आतंकी संगठन दुनिया की सबसे क्रूर व खतरनाक आतंकी संगठन है। यह अभी इराक और सीरिया में सक्रिय है। आईएस भारत में पैर पसारना चाहता है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कश्मीर और केरल में इसकी  मौजूदगी है। केरल के कई युवा आईएस में शामिल होने इराक गए थे।

श्रीलंका में हमले से पहले केरल में रुके थे आतंकी

श्रीलंका में चर्च में हुए आतंकी हमलों में बहुत से लोगों को अपने जिंदगी से हाथ धोना पड़ा था। आतंकी श्रीलंका में हमला करने से पहले केरल में रुके थे। श्रीलंकाई सेना ने बताया था कि आतंकी हमले करने से पहले केरल और कश्मीर गए थे। 


26/11 मुंबई आतंकी हमला में आतंकवादी समुद्र के रास्ते ही भारत में घुसे थे


26/11/2008 को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते भारत में घुसकर मुंबई के प्रमुख स्थानों होटल ताज, ओबेरॉय होटल, क्षत्रपती शिवाजी टर्मिनल आदि स्थानों पर हमला किए थे। जिसमें 166 बेगुनाह लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस और सेना के जवानों ने अपनी जान हथेली पर रखकर आतंकियों को मार गिराया था। 1 आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया था जिसे बाद में फांसी दी गई। इस आतंकी हमले को 26/11 के नाम से जाना जाता है।







शनिवार, 25 मई 2019

प्रेमिकाओं के प्यार में मारे जा रहे आंतकी

प्रेमिकाओं के प्यार में मारे जा रहे आंतकी


जम्मू एवं कश्मीर में सेना आतंकियों का एनकाउंटर कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में आतंकियों के एनकाउंटर में तेजी आई है। आतंकियों का एनकाउंटर खुफिया एजेंसियों के पुख्ता खुफिया जानकारी के कारण सफल होता है। लेकिन कुछ आतंकियों के एनकाउंटर  में उनकी प्रेमिकाओं ने भी सेना की मदद की है। इश्क के चक्कर में आतंकी मारे जा रहे हैं। 
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बुरहान वानी



जितने भी आतंकी उनकी प्रेमिकाओं की वजह से मारे जा रहे हैं उन सभी आतंकियों के एक से ज्यादा प्रेमिका थे। अगर किसी आतंकी के केवल एक ही प्रेमिका है तो उनकी आपसी मतभेदों के कारण प्रेमिका सेना के लिए मुखबिरी का काम करती हैं। आपसी मतभेदों के चलते प्रेमिकाएं सेना को आतंकियों की खुफिया जानकारी देती हैं। इन खुफिया जानकारियों में आतंकी का खुफिया ठिकाना, आतंकी कब कहा कहा जाता है, कब किससे मिलता है, उसके ग्रुप में कौन कौन शामिल हैं आदि जानकारियां शामिल है।



ताजा मामला कश्मीर में सबसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जाकिर मूसा की मौत का है। उसकी मौत की जिम्मेदार उसकी प्रेमिका ही है, क्योंकि वो एनकाउंटर वाले दिन अपनी दूसरी प्रेमिका से मिलने आया था जिससे उसकी पहली प्रेमिका उससे नाराज हो गई  और उसने सुरक्षाबलों को मुखबिरी कर दी। इस खुफिया जानकारी के कारण आतंकी मूसा मारा गया।

Indian army encounter
Indian Army


बुरहान वानी भी इश्क के चक्कर में मारा गया था

कश्मीर में जारी आतंकवाद के इतिहास में यह पहला अवसर नहीं है जिसमें आतंकी की मौत की वजह उसकी प्रेमिका बनी हो। कई आतंकी कमांडर अपनी प्रेमिका से मिलने की चाहत की वजह से मारे गए या फिर उनकी बेवफाई की वजह से अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।

 ऐसा ही हुआ था हिजबुल के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी के साथ। बुरहान वानी के कई लड़कियों के साथ संबंध थे। इससे उसकी प्रेमिका नाराज हो गई। बदला लेने की चाहत में उसने बुरहान वानी की लोकेशन की जानकारी सुरक्षाबलों को दे दी जिससे वानी मारा गया।

 इसके अलावा लश्कर के खूंखार आतंकी सैफुल्लाह, समीर टाइगर और सलमान बट्ट भी इश्क के चक्कर में मारे गए। ऐसा ही एक मामला और है जब पाक आतंकी काजी मोहब्बद अपनी प्रेमिका से मिलने पाकिस्तान से बारामूला आया था तब सुरक्षाबलों ने उसको एनकाउंटर में मार गिराया था।

आतंकियों को चेताते रहे हैं उनके आका

सीमा पार बैठे आतंकियों के आका उन्हें हमेशा चेताते रहते है कि वे इश्क के चक्कर में ना पड़े। वे आतंकियों को स्थानीय युवतियों के चक्कर में ना पड़ने की सलाह देते है लेकिन इश्क के चक्कर में डूबे ये आतंकी अपनी आकाओं की बात कहा मानने वाले हैं। आतंकियों का इस तरह इश्क के चक्कर में कुर्बान होने का सिलसिला नहीं थमने वाला। 

बुधवार, 22 मई 2019

फ्रांस में भारतीय वायुसेना के राफेल कार्यालय में सेंधमारी, राफेल जेट के डेटा की जासूसी का संदेह

फ्रांस में भारतीय वायुसेना के राफेल कार्यालय में सेंधमारी, राफेल जेट के डेटा की जासूसी का संदेह

फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट प्रबंधन टीम के कार्यालय में रविवार रात को अनजान बदमाशों ने सेंधमारी की। लगता है कि इन बदमाशों का उद्देश्य राफेल लड़ाकू विमान से जुड़े दस्तावेज और डेटा चुराने का था। राफेल लड़ाकू विमान से जुड़े दस्तावेज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा योजना के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
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Rafale fighter jet


भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट प्रबंधन को का कार्यालय पेरिस के उपनगर सेंट क्लाउड में राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी डैसो एविएशन के परिसर में एक इमारत में स्थित है। सेंधमारी की घटना रविवार रात की है। अभी मामले की जांच जारी है, जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।

भारतीय वायुसेना के राफेल कार्यालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी डैसो एविएशन की है क्योंकि यह कार्यालय डैसो एविएशन के परिसर में ही है। भारतीय वायुसेना ने इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को सूचित कर दिया है। इस मामले की जांच फ्रांस पुलिस ने अपने जिम्मे ले लिया है।

प्रशासनिक कार्यलयों में कीमती सामान या नकदी नहीं रखा जाता है, इससे साफ है कि चोर कीमती सामान या नकदी चुराने नहीं बल्कि राफेल लड़ाकू विमान से जुड़े दस्तावेज चुराने आए थे। वहां बदमाश क्या करने गए थे राफेल लड़ाकू विमान से जुड़े दस्तावेज चुराने गए थे या उनका इरादा कुछ और ही था इस बात का पता तो जांच पूरी होने के बाद ही ही चलेगा।

राफेल लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट प्रबंधन टीम में भारतीय वायुसेना के 4 अधिकारी हैं, जिनका नेतृत्व एक ग्रुप कैप्टन करता है। यही टीम फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट की निगरानी कर रही है। इस टीम का मुख्य काम राफेल विमानों का समय से आपूर्ति और भारतीय वायुसेना के पायलटों को राफेल लड़ाकू विमान का उड़ान प्रशिक्षण, विमान रख- रखाव और अन्य जरूरी प्रशिक्षण का संचालन कर रहा है।

भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान का किया है समझौता

भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल ताकत को बढ़ाने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान का समझौता किया है। इसके तहत भारतीय वायुसेना को वर्ष 2022 तक 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलना है। राफेल लड़ाकू विमान का निर्माण फ्रांस की डैसो एविएशन कंपनी करती है। यह 4th जेनरेशन का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान में से एक है।  

इसका इस्तेमाल दक्षिण कोरिया, फ्रांस, तुर्की और अन्य देश करते हैं।अब भारत भी इस लड़ाकू विमान इस्तेमाल करने वाला देश बन जाएगा। यह बहुत ही खतरनाक लड़ाकू विमान है जो आसानी से रडार की पकड़ में नहीं आता। इस विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाने से वायुसेना की ताकत बढ़ेगी। 

वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों के 32 स्क्वार्डन ही बचा है, और धीरे धीरे सभी विमान रिटायर होते जा रहे हैं। वायुसेना में 42 स्क्वार्डन की मंजूरी है, एक    स्क्वार्डन में 16 से 18 लडाकु विमान होते हैैं, लेेेेकिन लड़ाकू विमानों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है।

केवल 36 राफेल लड़ाकू विमान ही वायुसेना की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने 126 राफेल लड़ाकू विमान का समझौता किया था, जिसे मोदी सरकार ने बदलकर 36 राफेल लड़ाकू विमान कर दिया। इसके अलावा बड़ी मात्रा में विमान खरीदने होंगे। वायुसेना 30- 40 साल पुराने बूढ़े हो गए विमानों को उड़ाने के लिए बाध्य है। यह विमान इतने पुराने हो गए हैं कि अब वे उड़ाने के लायक नही रह गए हैं। आए दिन कोई न कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हो रहा है जिससे हमारे जवान मारे जा रहे हैं। 

वायुसेना इन विमानों को उड़ाने के लिए विवश है क्योंकि इन सभी बूढ़े हो चुके विमानों को इक साथ रिटायर नहीं किया जा सकता। अगर पाकिस्तान या चीन के साथ युद्ध की स्थिति बनती है तो नए विमान नहीं होने के कारण इन्हीं विमानों की जरूरत पड़ेगी।

गुरुवार, 2 मई 2019

भारत की बड़ी सफलता मसूद अजहर अंतररा्ष्टीय आंतकी घोषित

भारत की बड़ी सफलता मसूद अजहर अंतरराष्टीय आंतकी घोषित

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। पाकिस्तानी आंतकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को अंततः संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के बुधवार को हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया।  इसे भारत की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले भारत की मसूद अजहर को वैश्विक आंतकी घोषित करने की 4 कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने कहा " सभी देशों ने मिलकर यह फैसला लिया है।" चीन ने इस बार मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने के प्रस्ताव पर विटो नहीं किया जो कि भारत की बडी़ कूटनीतिक जीत है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना के द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने मसूद अजहर को बहावलपुर में नजरबंद कर आंतकवादी था और हाल में ही उसे इस्लामाबाद के करीब किसी जगह पर शिफ्ट किया गया है।
Maulana Masood Azhar declares global terrorism

अब दुनिया भर में जैश की संपत्ति जब्त होगी

मसूद अजहर के वैश्विक आंतकी घोषित होने के बाद दुनिया भर में मौजुद उसकी संपत्ति जब्त की जायेगी। उसकी यात्रा करने और उसको हथियार मुहैया कराने पर प्रतिबंध लग जायेगा। वह पाकिस्तान में खुले आम घुमता है और भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देता रहता है। 

भारत में अनेक हमलों का जिम्मेदार है मसूद अजहर

Maulana Masood Azhar

1994 में मसूद अजहर  पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था। सेना ने उसे फरवरी 1994 में अनंतनाग से गिरफ्तार किया था। 24 दिसंबर 1999 के दिन काठमांडु के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस के विमान को अपहरण कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया। यात्रियों के रिहाई के बदले अपहरणकर्ताऔं ने अपने 36 चरमपंथि साथियों के रिहाई के साथ साथ 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांग की थी। तब भारत ने अपनी जेलों में बंद मसूद अजहर सहित कुछ आंतकियों को रिहा कर दिया था। उस समय भारत में वाजपेयी जी कि सरकार थी।

रिहाई के बाद मसूद अजहर ने पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद की स्थापना की। इस आंतकवादी संगठन का मकसद भारत में बडी़ आंतकवादी हमलों को अंजाम देना, भारत में अशांति फैलाना और उसका सबसे बडा़ मकसद कश्मीर को भारत से अलग कर पाकिस्तान में मिलाना है। मसूद अजहर ने भारत में कई बडे़ हमले करवाये हैं। संसद मे हुआ हमला, उड़ी हमला, पुलवामा में हुए हमलों मे मसूद अजहर के आंतकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ था। इन हमलों में सेना के अनेक जवान शहीद हो गये थे तथा कई जवान घायल हो गये।

चीन ने नरमी के संकेत दिए थे

इसके पहले संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने मसूद अजहर को वैश्विक आंतकी घोषित करने 4 बार प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन हर बार चीन ने तकनिकी रोक लगा रखा था। इस बार चीन ने विटो का इस्तेमाल नहीं किया और मसूद अजहर को वैश्विक आंतकी घोषित करने में भारत की मदद की। कुछ दिनों पहले भारत के विदेश सचिव विजय गोखले चीन की यात्रा पर गये थे। वे वहां के विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर इस मसले पर चर्चा की थी।
बीआरआई समिट से पहले चीन ने भारत क नक्शे में पुरे कश्मीर और अरूणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बतलाया था। तब इससे कहा जा रहा था कि चीन के रूख में परिवर्तन हो सकता है। चीन और भारत के बीच अरूणाचल प्रदेश को लेकर विवाद है। चीन अरूणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है, जबकि यह प्रदेश भारत की अभिन्न हिस्सा है।

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

गोला - बारूद सुरक्षित रखने के लिए सीमा पर सुरंग बनाएगी सेना

गोला - बारूद सुरक्षित रखने के लिए सीमा पर सुरंग बनाएगी सेना
India will build tunnel on the border

भारतीय सेना अपना गोला बारूद सुरक्षित रखने के लिए जिन सुरंगों को बनाने की कोशिश कई सालों से कर रही थी वह अब जल्द ही बनेगी। इस सुरंग को बनाने के लिए सेना ने एनएचपीसी के साथ समझौता किया है। शुरुआत में 4 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा।
सेना लंबे वक्त से पाकिस्तान और चीन बॉर्डर के पास गोला बारूद रखने के लिए सुरंग बनाने की कोशिश कर रहा था लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। सेना ने सुरंग बनाने की कोशिश की थी लेकिन इस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त नहीं होने के कारण  सफल नहीं हुए।  एनएचपीसी ने पहाड़ों में कई पॉवर प्रोजेक्ट बनाने में सुरंगों का इस्तेमाल किया है। सेना को सबसे ज्यादा खतरा गोला - बारूद के भंडारों पर हमले से होता है। युद्ध के समय ये दुश्मन के सबसे पहले हमलों का निशाना होते हैं। गोला - बारूद सुरंगों में होने की वजह से इन पर हवाई हमलों का कोई असर नहीं पड़ेगा।


गोला बारूद को सुरक्षित रख सकेंगे
 arms and ammunition

सुरंग बन जाने से सेना को गोला बारूद रखने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाएगी। यह दुश्मन की नजर से तो गोला बारूद को बचाएगी ही साथ ही बमबारी होने पर सीधे अटैक से भी बचाएगी। दुश्मन के सैटेलाइट इसे पकड़ने में नाकामयाब होंगे। सेना इस पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर फिर और सुरंग बनाएगी। चीन और अमेरिका के भी इस तरह के सुरंग हैं जिसमें वह अपने गोला - बारूद को सुरक्षित रखते हैं।


4 सुरंगे बनाई जाएंगी 15 करोड़ आएगी लागत


सेना ने बताया कि अब पाकिस्तान और चीन की सीमा पर पहाड़ों के अंदर गोला - बारूद के जखीरे रखने के लिए सुरंगे बनाई जाएंगी। इन सुरंगों के निर्माण में 15 करोड़ रुपए की लागत आएगी। हर सुरंग में 2 लाख किलो गोला - बारूद रखा जाएगा। ये 4 सुरंगे 2 साल में बनकर तैयार होगीं। समझौते के अनुसार 2 साल में 15 करोड़ रुपए की लागत से 4 सुरंगे बनाई जाएंगी। 3 सुरंगों का निर्माण चीन से लगती सीमा पर और 1 सुरंग पाकिस्तानी सीमा पर बनाया जाएगा। भारत - चीन सीमा पर 3 सुरंगे सिक्किम, और अरुणाचल प्रदेश के तवांग में बनाए जाएंगे।


चीन पहले से ही भारत से लगती सीमा पर सुरंग बना चुका
Chinese President Xi Jinping


चीन भारत से लगती अपनी सरहदी इलाकों में पहले से कई सुरंगों का निर्माण कर चुका है। सुरंगों में गोला बारूद के रख रखाव के मामले में चीन भारत से कहीं आगे है। इन सुरंगों के बन जाने से चीन को यह जवाब मिलेगा कि भारत भी चीन से किसी मामले में कम नहीं है।