पुलवामा हमले के बाद सेना ने 41 आतंकी किए ढेर
सेना और पुलिस ने बुधवार को श्रीनगर में संयुंक्त प्रेस कांफ्रेंस की। मीडिया से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद 68 दिनों में सुरक्षाबलों ने 41 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें जैश ए मोहम्मद के 25 आतंकी भी शामिल हैं। लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने मीडिया को यह भी बताया कि इस साल जनवरी से अब तक सुरक्षाबलों द्वारा 69 आतंकवादी मार गिराए गए हैं, जबकि 12 आतंकी सुरक्षाबलों के विशेष अभियानों और पुख्ता खुफिया इनपुट के कारण पकड़े गए हैं।
पिछले साल जम्मू कश्मीर में सेना ने 272 आतंकवादियों को मार गिराया था। हाल के कुछ वर्षों में सेना ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है और अब ज्यादा आतंकी मारे जा रहे हैं। उड़ी हमले के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया था उसके बाद से ही ज्यादा आतंकी मारे जा रहे हैं।
उड़ी हमला, पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले तथा पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमलों में जैश ए मोहम्मद का हाथ था इसलिए जैश के 25 आतंकियों का मारा जाना सैन्य बलों की बहुत बड़ी कामयाबी है, क्योकि सभी बड़े हमले जैश के आतंकियों ने किए थे और वे आने वाले समय में बहुत बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे।
श्रीनगर में हुए प्रेस कांफ्रेंस में सेना ने कहा कि - अब घाटी में कोई जैश का कमांडर बनने को तैयार नहीं। इसके बावजूद पाकिस्तान जैश की मदद कर रहा है। हम लगातार जैश को खत्म कर रहे हैं। पिछले 3 महीनों में मारे गए कुल आतंकियों में 13 पाकिस्तानी हैं। जम्मू कश्मीर राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि कश्मीरी युवक आतंकवादी संगठनों में भर्ती होने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे, आतंकी संगठनों में कश्मीरी युवकों की भर्ती में कमी आयी है।अब वहां के युवक पुलिस में भर्ती होने की रुचि रखते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों कि सफाई है।
पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव है फिर भी वह जैश पर मेहरबान है। पाकिस्तान अभी भी आतंकियों को ट्रेनिंग देने, उनको हथियार मुहैया कराने और उनको भारत में भेजने हेतु मदद करता है। आतंकियों को सीमा पार कराने के लिए पाकिस्तानी सेना सीमा पर सीजफायर का उल्लघंन करती है जिससे आतंकी आसानी से भारत में घुस जाते हैं।