भारत ने चीन को मसूद अजहर के खिलाफ सबूत सौंपे
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले दो दिन की चीन यात्रा पर गए हुए हैं। अपने चीन यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को उन्होंने वहां के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। विजय गोखले ने कहा कि चीन मसूद अजहर को वैश्विक आंतकवादी घोषित करने में भारत का सहयोग करे।
नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन को पुलवामा हमले में मसूद अजहर के हाथ होने के सबूत सौंपे।रवीश कुमार ने कहा कि भारत मसूद अजहर और जैश ए मोहम्मद को न्याय के कटघरे में लाने का हरसंभव कोशिश करेगा।
चीन लगा रहा अडंगा
पुलवामा हमले तथा देश पर हुए अन्य आतंकवादी हमलों में मसूद अजहर तथा उसके आंतकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के हाथ होने पर भारत मसूद अजहर को वैश्विक आंतकी घोषित करवाना चाहता है। अमेरिका,ब्रिटेन, फ्रांस संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद के 1267 प्रतिबंध समिति में मसूद अजहर और जैश ए मोहम्मद को शामिल करवाना चाहता है। इस पर निर्णय 1267 प्रतिबंध समिति और संयुक्त राष्ट्र संघ को करना है, लेकिन जब भी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस संयुक्त राष्ट्र संघ में मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लाते हैं हर बार चीन वीटो कर देता है। मसूद अजहर को वैश्विक आंतकवादी घोषित करने के भारत,अमेरिका,ब्रिटेन और फ्रांस के हर प्रयास को चीन खारिज कर देता है। इस प्रस्ताव पर अब तक चीन ने 4 बार तकनीकी रोक लगा रखा है, और अब भी उसका रुख वैसा ही है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि चीन का पाकिस्तान के साथ अच्छे सम्बन्ध होना। चीन पाकिस्तान में अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसमें चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कारीडोर ( CPEC ) भी शामिल है। इस परियोजना के तहत पाकिस्तान में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए चिनी कम्पनियों को ठेका मिला है। चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कारीडोर चीन के वन बेल्ट वन रोड़ (OBOR) परियोजना का ही एक हिस्सा है जिसके द्वारा वह दुनिया का मैनुफैक्चरिंग हब बनना चाहता है। OBOR परियोजना के तहत चीन पूरी दुनिया में सड़कों का जाल बिछा रहा है और इन सड़कों का उपयोग अपने उत्पाद को अन्य देशों तक पहुंचाने के लिए करेगा। चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कारीडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन ने इस परियोजना को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजारने के लिए भारत से कभी अनुमति नहीं ली इस कारण भारत चीन से नाराज़ है, भारत चीन के OBOR परियोजना का समर्थन नहीं करता, शायद यही कारण है कि चीन मसूद अजहर को वैश्विक आंतकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा रहा है।
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले के चीन जाने और वहां के वरिष्ठ अधिकारीयों और विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुए वार्ता और मसूद अजहर के खिलाफ सबूत सौंपे जाने के बाद भी चीन इस मसले पर शायद ही भारत का साथ दे।पूरी दुनिया जानती है कि मसूद अजहर आंतकवादी है और पुलवामा सहित सैन्य बलों पर हुए अन्य हमलों में मसूद अजहर का ही हाथ है तब भी चीन उसे बचा रहा है, इससे चीन कि मंशा साफ जाहिर हो गया है कि वह पाकिस्तान का सहयोग करने और भारत को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद को पार कर सकता है।
अगर चीन का रुख नहीं बदलता है तो भारत को चीन के खिलाफ कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। बार - बार तकनीकी रोक लगाने पर अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी थी तब चीन ने कहा था की अमेरिका अपना विचार दूसरों पर ना थोपे, सबको अपना विचार रखने का हक है।लेकिन आतंकी पर दो देशों के अलग अलग विचार कैसे हो सकते हैं।
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